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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन
- सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू किया।
- यह कदम प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करने और शांति बहाल करने के लिए लिया गया।
मुख्य कारण
- मीती और कुकी समुदायों के बीच बढ़ता संघर्ष, जो मई 2023 से लगातार हिंसक हो रहा था।
- सुरक्षा बलों पर हमले और पुलिस से हथियारों की लूट।
- मणिपुर हाईकोर्ट का मीती समुदाय को एसटी दर्जा देने पर विचार करने का आदेश।
- बीजेपी सरकार में अंदरूनी मतभेद और अविश्वास प्रस्ताव की संभावना।
राजनीतिक और प्रशासनिक जटिलता
- नया सीएम चुनने में कठिनाई—मीती या कुकी समुदाय से सीएम बनने पर विवाद की आशंका।
- नागा समुदाय से सीएम बनाने की संभावना लेकिन ऐतिहासिक रूप से नागा-कुकी संघर्ष के कारण यह भी एक चुनौती।
बाहरी हस्तक्षेप और सुरक्षा चिंता
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- विदेशी तत्वों की संलिप्तता की आशंका, विशेष रूप से म्यांमार, चीन और पश्चिमी देशों के माध्यम से।
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हथियारों की आपूर्ति में वृद्धि, ड्रोन और आरपीजी के उपयोग से स्थिति और खराब हुई।
संभावित प्रभाव
- शॉर्ट टर्म: सख्त सुरक्षा कार्रवाई, अस्थिरता, और केंद्र सरकार का मजबूत हस्तक्षेप।
- लॉन्ग टर्म: क्या मणिपुर के लिए कोई स्थायी समाधान निकलेगा, क्या दो राज्य समाधान संभव है, या क्या यह संघर्ष और लंबा चलेगा?
मणिपुर संकट: 10 प्रमुख बिंदुओं में समझें पूरा मामला
- राष्ट्रपति शासन और सीएम का इस्तीफा
- मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के ऑडियो टेप लीक होने के बाद विधानसभा में बीजेपी सरकार गिरी।
- 9 फरवरी को सीएम के इस्तीफे के बाद केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन (आर्टिकल 356) लागू किया।
- मीतेई vs कुकी: जातीय हिंसा की जड़ें
- मीतेई समुदाय का एसटी दर्जे की मांग (इंफाल घाटी से पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदने के अधिकार के लिए) और कुकी समुदाय का विरोध।
- मई 2023 से हिंसा में 250+ मौतें, पुलिस अस्त्रालयों से हथियार लूटे गए।
- मणिपुर में 11वीं बार राष्ट्रपति शासन
- 1951 से अब तक किसी भी राज्य में सबसे अधिक बार (11वीं बार) राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।
- भौगोलिक विभाजन: घाटी vs पहाड़
- मीतेई (53% जनसंख्या) इंफाल घाटी में, कुकी और नागा पहाड़ी क्षेत्रों में।
- घाटी (10% भूभाग) vs पहाड़ (90% भूभाग) के संसाधनों पर विवाद।
- लीक हुए ऑडियो टेप का राजनीतिक असर
- सीएम पर मीतेई समूहों को पुलिस अस्त्रालय लूटने की अनुमति देने का आरोप, विधायकों का समर्थन खोना।
- नए सीएम चुनने की चुनौती
- बीजेपी को नागा नेता (जैसे दीपू गंगम) के माध्यम से तटस्थ सीएम चुनने की कोशिश, पर नागा-कुकी पुराने दुश्मन।
- अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप और ड्रग माफिया
- कुकी समूहों को म्यांमार से फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति।
- इजरायली हथियार, ड्रोन हमले, और मेथ ड्रग उत्पादन में कुकियों की संलिप्तता।
- सुरक्षा संकट और केंद्र की भूमिका
- सेना/अर्धसैनिक बलों की तैनाती, पर हिंसा नियंत्रण में विफलता।
- आर्टिकल 355 (केंद्र का सुरक्षा नियंत्रण) से 356 की ओर बढ़ना।
- सामाजिक-आर्थिक मुद्दे
- एसटी दर्जे की मांग, रोजगार और विकास में असमानता।
- 2023 में हाईकोर्ट के एसटी दर्जे संबंधी फैसले ने हिंसा को भड़काया।
- भविष्य की राह: संवाद या कठोर कार्रवाई?
- केंद्र को सुरक्षा बलों के साथ-साथ समुदायों के बीच विश्वास बहाली पर काम करना होगा।
- नागा नेतृत्व या तटस्थ प्रशासन के विकल्पों पर विचार।